Wednesday, August 16, 2023

 कुछ पकड़ा कुछ छूटता सा महसूस हुवा। 

कुछ उभरता कुछ डूबता सा महसूस हुवा। 

पलटके देखा सब ठीक,कुछ खुश कुछ नाराज़ भी थे। 

इस कसमकसमें जीना बिसरा और साँसे घटता सा महसूस हुवा। 

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